46 तब पौलुस और बरनबास ने निडर होकर उनसे कहा, “यह ज़रूरी था कि परमेश्वर का वचन पहले तुम यहूदियों को सुनाया जाए।+ मगर तुम इसे ठुकरा रहे हो और दिखा रहे हो कि तुम हमेशा की ज़िंदगी के लायक नहीं हो, इसलिए देखो! हम दूसरे राष्ट्रों के पास जा रहे हैं।+
16 मुझे खुशखबरी सुनाने में कोई शर्म महसूस नहीं होती।+ दरअसल यह विश्वास करनेवाले हर किसी के उद्धार के लिए परमेश्वर की शक्ति है,+ पहले यहूदियों के लिए,+ फिर यूनानियों के लिए।+