2 तब याकूब ने अपने घराने से और जितने भी लोग उसके साथ रहते थे उन सबसे कहा, “तुम्हारे पास झूठे देवताओं की जितनी भी मूर्तियाँ हैं, उन्हें निकालो+ और खुद को शुद्ध करो और अपने कपड़े बदलो,
15 तुम इस बात का ध्यान रखना कि तुम उस देश के निवासियों के साथ कोई करार नहीं करोगे, क्योंकि जब वे अपने देवताओं को पूजते हैं* और उनके आगे बलिदान चढ़ाते हैं+ तो उनमें से कोई तुम्हें ज़रूर बुलाएगा और तुम जाकर उसके बलिदान में से खाने लगोगे।+