भजन 32:1, 2 पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद 32 सुखी है वह इंसान जिसका अपराध माफ किया गया है, जिसका पाप ढाँप दिया गया है।*+ 2 सुखी है वह इंसान जिसे यहोवा दोषी नहीं ठहराता,+जिसके मन में कपट नहीं होता।
32 सुखी है वह इंसान जिसका अपराध माफ किया गया है, जिसका पाप ढाँप दिया गया है।*+ 2 सुखी है वह इंसान जिसे यहोवा दोषी नहीं ठहराता,+जिसके मन में कपट नहीं होता।