16 मैं प्रार्थना करता हूँ कि परमेश्वर जिसके पास अपार महिमा है अपनी पवित्र शक्ति से तुम्हें वह ताकत दे जिससे तुम्हारे अंदर का इंसान शक्तिशाली होता जाए+
23 और तुम्हें अपनी सोच और अपने नज़रिए* को नया बनाते जाना है जो तुम पर हावी है+24 और नयी शख्सियत को पहन लेना चाहिए,+ जो परमेश्वर की मरज़ी के मुताबिक रची गयी है और नेक स्तरों और सच्ची वफादारी की माँगों के मुताबिक है।