30 पौलुस पूरे दो साल तक किराए के मकान में रहा+ और जितने भी लोग उसके यहाँ आते उनका वह प्यार से स्वागत करता रहा। 31 वह उनको परमेश्वर के राज का प्रचार करता और प्रभु यीशु मसीह के बारे में बेझिझक* और बिना किसी रुकावट के सिखाता रहा।+
23 मगर इसके लिए ज़रूरी है कि तुम विश्वास में बने रहो,+ नींव पर कायम+ और मज़बूत रहो+ और उस खुशखबरी से मिलनेवाली आशा को न छोड़ो जो तुमने सुनी है और जिसका प्रचार पूरी दुनिया में किया जा चुका है।+ मैं पौलुस इस खुशखबरी का सेवक बना हूँ।+