33 तब उसी घड़ी वे उठे और यरूशलेम लौट आए और उन्होंने उन ग्यारहों को दूसरे चेलों के साथ इकट्ठा पाया, 34 जो कह रहे थे, “यह बात सच है कि प्रभु ज़िंदा हो गया है। वह शमौन को दिखायी दिया है!”+
26 ऐसा हुआ कि आठ दिन बाद चेले फिर से घर के अंदर थे और थोमा भी उनके साथ था। तब घर के दरवाज़े बंद होने के बावजूद यीशु उनके बीच आ खड़ा हुआ और उनसे कहा, “तुम्हें शांति मिले।”+