29 तुम्हारे यहाँ जब अनाज की भरपूर पैदावार होती है और तेल और दाख-मदिरा के हौद उमड़ने लगते हैं, तो अपनी उपज में से कुछ मुझे चढ़ाने से मत झिझकना।+ तुम अपने बेटों में से पहलौठा मुझे देना।+
35 मैंने सब बातों में तुम्हें दिखाया है कि तुम भी इसी तरह मेहनत करते हुए+ उन लोगों की मदद करो जो कमज़ोर हैं और प्रभु यीशु के ये शब्द हमेशा याद रखो जो उसने खुद कहे थे: ‘लेने से ज़्यादा खुशी देने में है।’”+