5 इसलिए तय वक्त से पहले, यानी जब तक प्रभु नहीं आता तब तक किसी बात का न्याय मत करो।+ वही अंधकार में छिपी हुई बातों को रौशनी में लाएगा और दिल के इरादों का खुलासा कर देगा। तब हर कोई अपने लिए परमेश्वर से तारीफ पाएगा।+
15 तू अपना भरसक कर ताकि तू खुद को परमेश्वर के सामने ऐसे सेवक की तरह पेश कर सके जिसे परमेश्वर मंज़ूर करे और जिसे अपने काम पर शर्मिंदा न होना पड़े और जो सच्चाई के वचन को सही तरह से इस्तेमाल करता हो।+