6 इसलिए कि परमेश्वर ने ही कहा था, “अंधकार में से रौशनी चमके।”+ उसी ने हमारे दिलों पर अपनी रौशनी चमकायी है+ ताकि हम उन्हें परमेश्वर के उस शानदार ज्ञान से रौशन करें जो मसीह के चेहरे से झलकता है।
23 और तुम्हें अपनी सोच और अपने नज़रिए* को नया बनाते जाना है जो तुम पर हावी है+24 और नयी शख्सियत को पहन लेना चाहिए,+ जो परमेश्वर की मरज़ी के मुताबिक रची गयी है और नेक स्तरों और सच्ची वफादारी की माँगों के मुताबिक है।