15 ताकि अगर मुझे आने में देर हुई तो भी तुझे पता रहेगा कि परमेश्वर के घराने में तुझे किस तरह पेश आना चाहिए।+ यह घराना जीवित परमेश्वर की मंडली है और सच्चाई का खंभा और सहारा है।
6 मगर मसीह तो परमेश्वर का बेटा है और वह उसके घराने के अधिकारी के नाते विश्वासयोग्य रहा।+ और परमेश्वर का घराना हम हैं,+ बशर्ते अंत तक हम बेझिझक बोलने की हिम्मत न खोएँ और उस आशा को मज़बूती से थामे रहें जिस पर हम गर्व करते हैं।