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यशायाह 53:2, 3पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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2 वह टहनी की तरह उसके* सामने उगेगा,+ सूखी ज़मीन में जड़ की तरह फैलेगा।
जब हम उसे देखते हैं, तो उसमें कोई सुंदरता, कोई शान नज़र नहीं आती,+
न उसके रूप में ऐसी खासियत है कि हम उसकी तरफ खिंचे चले जाएँ।
3 लोगों ने उसे तुच्छ जाना, उससे किनारा किया।+
वह अच्छी तरह जानता था कि दर्द क्या होता है, बीमारी क्या होती है।
उसका चेहरा मानो हमसे छिपा हुआ था।*
हमने उसे तुच्छ जाना और बेकार समझा।+
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