15 उसने अपना शरीर बलिदान करके वह दुश्मनी मिटा दी यानी कानून मिटा दिया जिसमें कई आज्ञाएँ थीं ताकि वह दोनों समूहों को अपने साथ एकता में लाकर एक नया इंसान बनाए+ और शांति कायम करे
14 और हाथ से लिखे उस दस्तावेज़ को रद्द कर दिया*+ जिसमें कई आदेश थे+ और जो हमारे खिलाफ था।+ उसने यातना के काठ* पर उसे कीलों से ठोंककर हमारे सामने से हटा दिया।+