9 मगर जहाँ तक भाइयों जैसा प्यार+ करने की बात है, इस मामले में हमें तुम्हें कुछ लिखने की ज़रूरत नहीं, क्योंकि तुम्हें खुद परमेश्वर ने एक-दूसरे से प्यार करना सिखाया है।+
3 भाइयो, हमारा फर्ज़ बनता है कि हम तुम्हारे लिए हमेशा परमेश्वर का धन्यवाद करें। ऐसा करना सही भी है क्योंकि तुम्हारा विश्वास तेज़ी से बढ़ता जा रहा है और एक-दूसरे के लिए तुम सबका प्यार भी बढ़ता जा रहा है।+