29 इसलिए जैसा दस्तूर है, प्रभु में बड़ी गर्मजोशी से और खुशी-खुशी उसका स्वागत करना और ऐसे भाइयों को अनमोल समझना।+ 30 क्योंकि मसीह के काम की खातिर उसने अपनी जान की बाज़ी लगा दी और वह मरने पर था ताकि तुम्हारे यहाँ न होने की कमी पूरी करे और तुम्हारे बदले मेरी सेवा करे।+