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मत्ती 5:34-37पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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34 लेकिन मैं तुमसे कहता हूँ, तुम कभी कसम न खाना,+ न स्वर्ग की क्योंकि वह परमेश्वर की राजगद्दी है, 35 न ही पृथ्वी की क्योंकि यह उसके पाँवों की चौकी है,+ न यरूशलेम की क्योंकि यह उस महाराजा का नगर है।+ 36 न ही तुम अपने सिर की कसम खाना क्योंकि तुम एक बाल भी सफेद या काला नहीं कर सकते। 37 बस तुम्हारी ‘हाँ’ का मतलब हाँ हो और ‘न’ का मतलब न,+ इसलिए कि इससे बढ़कर जो कुछ कहा जाता है वह शैतान* से होता है।+
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