24 कोई भी दास दो मालिकों की सेवा नहीं कर सकता। क्योंकि या तो वह एक से नफरत करेगा और दूसरे से प्यार+ या वह एक से जुड़ा रहेगा और दूसरे को तुच्छ समझेगा। तुम परमेश्वर के दास होने के साथ-साथ धन-दौलत की गुलामी नहीं कर सकते।+
4 अरे व्यभिचार करनेवालो,* क्या तुम नहीं जानते कि दुनिया के साथ दोस्ती करने का मतलब परमेश्वर से दुश्मनी करना है? इसलिए जो कोई इस दुनिया का दोस्त बनना चाहता है वह परमेश्वर का दुश्मन बन जाता है।+