10 तब-तब ये 24 प्राचीन+ राजगद्दी पर बैठे परमेश्वर के सामने गिरकर उसकी उपासना करते हैं जो सदा तक जीवित रहता है और अपने ताज निकालकर उसकी राजगद्दी के सामने रखते हैं और कहते हैं,
8 और जब उसने वह खर्रा लिया तो उन चार जीवित प्राणियों और 24 प्राचीनों ने मेम्ने के सामने गिरकर प्रणाम किया।+ हर प्राचीन के पास एक सुरमंडल और सोने का एक कटोरा था जिसमें धूप भरा हुआ था। (इस धूप का मतलब है, पवित्र जनों की प्रार्थनाएँ।)+