8 इन चार जीवित प्राणियों में से हरेक के छ:-छ: पंख थे। इनके चारों तरफ और अंदर की तरफ आँखें-ही-आँखें थीं।+ और वे बिना रुके रात-दिन कहते हैं, “सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा* पवित्र, पवित्र, पवित्र है!+ वह परमेश्वर, जो था, जो है और जो आ रहा है।”+
17 “सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा,* तू जो था और जो है,+ हम तेरा शुक्रिया अदा करते हैं क्योंकि तूने अपनी महाशक्ति से राजा के तौर पर राज करना शुरू कर दिया है।+