14 देखो, अब मैं ज़्यादा दिन नहीं जीऊँगा।* तुम अच्छी तरह जानते हो कि तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुमसे जितने भी बेहतरीन वादे किए थे वे सब-के-सब पूरे हुए, एक भी वादा बिना पूरा हुए नहीं रहा।+
56 “यहोवा की बड़ाई हो, जिसने अपने वादे के मुताबिक अपनी प्रजा इसराएल को विश्राम की जगह दी है।+ उसने अपने सेवक मूसा के ज़रिए जितने भी वादे किए थे, वे सब-के-सब पूरे हुए, एक भी वादा बिना पूरा हुए नहीं रहा।+
18 ताकि इन दो अटल बातों के ज़रिए जिनके बारे में परमेश्वर का झूठ बोलना नामुमकिन है+ हमें यानी हम जो भागकर परमेश्वर की शरण में आए हैं, ऐसा ज़बरदस्त हौसला मिले कि हम उस आशा पर पकड़ हासिल कर सकें जो हमारे सामने रखी है।