15 लेकिन अगर तुम अपने परमेश्वर यहोवा की सभी आज्ञाओं और विधियों को सख्ती से नहीं मानोगे जो आज मैं तुम्हें सुना रहा हूँ और इस तरह उसकी बात नहीं सुनोगे, तो ये सारे शाप तुम पर आ पड़ेंगे:+
13 बस तू अपना दोष मान ले क्योंकि तूने अपने परमेश्वर यहोवा से बगावत की है। तू हर घने पेड़ के नीचे पराए आदमियों* के साथ संबंध रखती और मेरी बात नहीं मानती।” यहोवा का यह ऐलान है।’”