14 तब अगर मेरे लोग जो मेरे नाम से जाने जाते हैं,+ खुद को नम्र करें+ और प्रार्थना करके मेरी मंज़ूरी पाने की कोशिश करें और अपनी बुरी राहों से फिर जाएँ,+ तो मैं स्वर्ग से उनकी प्रार्थना सुनूँगा और उनके पाप माफ करूँगा और उनके देश को चंगा करूँगा।+
13 वह परमेश्वर से प्रार्थना करता रहा। परमेश्वर को उसका गिड़गिड़ाना देखकर उस पर तरस आया और उसने उसकी बिनती सुनकर उस पर रहम किया। परमेश्वर ने उसे यरूशलेम वापस लाकर उसका राज लौटा दिया।+ तब मनश्शे ने जाना कि यहोवा ही सच्चा परमेश्वर है।+
15 उसने पराए देवताओं की मूरतें, यहोवा के भवन में रखी मूरत+ और वे सभी वेदियाँ निकाल दीं जो उसने यहोवा के भवन के पहाड़ पर और यरूशलेम में बनवायी थीं।+ उसने ये सारी चीज़ें शहर के बाहर फिंकवा दीं।