21 जब यहोशू को किसी मामले पर परमेश्वर का फैसला जानना हो तो वह एलिआज़र याजक के पास जाएगा। और एलिआज़र उसकी तरफ से यहोवा के सामने जाएगा और ऊरीम के ज़रिए उसका फैसला मालूम करेगा।+ और जो भी आदेश दिया जाएगा उसका सब लोग पालन करेंगे। यहोशू और पूरी मंडली और सभी इसराएली उस आदेश को मानेंगे।”
28 और हारून का पोता और एलिआज़र का बेटा, फिनेहास+ संदूक के सामने सेवा करता* था। इसराएलियों ने पूछा, “क्या हम बिन्यामीन के अपने भाइयों से फिर युद्ध करने जाएँ?”+ यहोवा का जवाब था, “हाँ, जाओ। क्योंकि कल मैं उन्हें तुम्हारे हाथ कर दूँगा।”
2 तब दाविद ने यहोवा से सलाह माँगी,+ “क्या मैं जाकर उन पलिश्तियों को मार डालूँ?” यहोवा ने दाविद से कहा, “हाँ जा, उन पलिश्तियों को मार डाल और कीला को उनके हाथ से छुड़ा ले।”
11 हे इसराएल के परमेश्वर यहोवा, अपने इस सेवक को बता कि क्या कीला के अगुवे* मुझे पकड़कर शाऊल के हवाले कर देंगे? जैसे मैंने सुना है, क्या शाऊल सचमुच नीचे कीला आ रहा है?” यहोवा ने उससे कहा, “हाँ, वह आ रहा है।”