30 तुमने पूजा के लिए जितनी भी ऊँची जगह बनायी होंगी वे सब मैं ढा दूँगा+ और तुम्हारे धूप-स्तंभों को तोड़ डालूँगा। मैं तुम्हारी बेजान घिनौनी मूरतों* के ढेर पर तुम्हारी लाशों का ढेर लगा दूँगा।+ मुझे तुमसे इतनी घिन हो जाएगी कि मैं तुमसे अपना मुँह फेर लूँगा।+
52 तुम अपने सामने से उन सभी लोगों को भगा देना जो वहाँ बसे हुए हैं। तुम उनकी सभी मूरतें चूर-चूर कर देना, फिर चाहे वे पत्थर की नक्काशीदार मूरतें हों+ या धातु की मूरतें*+ और उनकी पूजा की सभी ऊँची जगह ढा देना।+
3 उसने वे ऊँची जगह फिर से बनवा दीं जो उसके पिता हिजकियाह ने ढा दी थीं।+ उसने बाल के लिए वेदियाँ खड़ी करवायीं और एक पूजा-लाठ* बनवायी,+ ठीक जैसे इसराएल के राजा अहाब ने किया था।+ मनश्शे आकाश की सारी सेना के आगे दंडवत करता था और उसकी पूजा करता था।+