15 लेकिन अगर तुम अपने परमेश्वर यहोवा की सभी आज्ञाओं और विधियों को सख्ती से नहीं मानोगे जो आज मैं तुम्हें सुना रहा हूँ और इस तरह उसकी बात नहीं सुनोगे, तो ये सारे शाप तुम पर आ पड़ेंगे:+
17गिलाद+ के तिशबे के रहनेवाले एलियाह*+ ने अहाब से कहा, “इसराएल के परमेश्वर यहोवा के जीवन की शपथ, जिसकी मैं सेवा करता हूँ,* अब से आनेवाले सालों में देश में न ओस की बूँदें गिरेंगी, न बारिश होगी! जब तक मैं न कहूँ, तब तक ऐसा ही रहेगा।”+