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2 इतिहास 26:16-21पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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16 मगर जैसे ही वह ताकतवर हो गया, उसका मन घमंड से फूल उठा और यह उसकी बरबादी का कारण बन गया। वह धूप की वेदी पर धूप जलाने के लिए यहोवा के मंदिर में घुस गया और ऐसा करके उसने अपने परमेश्वर यहोवा के साथ विश्वासघात किया।+ 17 जब वह अंदर गया तो फौरन अजरयाह याजक और यहोवा के 80 और दिलेर याजक उसके पीछे-पीछे गए। 18 उन्होंने राजा उज्जियाह को रोकते हुए कहा, “उज्जियाह, यहोवा के लिए धूप जलाना तेरा काम नहीं है!+ यह काम सिर्फ याजकों का है क्योंकि वे हारून के वंशज हैं+ और उन्हें पवित्र किया गया है। तू पवित्र-स्थान से बाहर चला जा, तूने विश्वासघात किया है। इस काम के लिए यहोवा परमेश्वर से तुझे सम्मान नहीं मिलेगा।”
19 मगर उज्जियाह, जिसके हाथ में धूपदान था, उन याजकों पर भड़क उठा।+ वह याजकों पर गुस्सा कर ही रहा था कि तभी उसके माथे पर कोढ़+ फूट निकला। यह सब यहोवा के भवन में, धूप की वेदी के पास याजकों के सामने हुआ। 20 प्रधान याजक अजरयाह और बाकी सब याजकों ने देखा कि उसके माथे पर कोढ़ हो गया है! वे उसे फौरन वहाँ से बाहर ले जाने लगे और वह खुद भी जल्दी करने लगा, क्योंकि यहोवा ने उसे कोढ़ी बना दिया।
21 राजा उज्जियाह अपनी मौत तक कोढ़ी रहा। वह एक अलग घर में रहने लगा+ क्योंकि उसे यहोवा के भवन में जाने की इजाज़त नहीं थी। उसके बेटे योताम ने महल की बागडोर सँभाली और वह देश के लोगों का न्याय करता था।+
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