12 औरत ने कहा, “तेरे परमेश्वर यहोवा के जीवन की शपथ, मेरे पास एक भी रोटी नहीं है। बड़े मटके में बस मुट्ठी-भर आटा और कुप्पी में थोड़ा-सा तेल बचा है।+ मैं यहाँ दो-चार लकड़ियाँ बीनने आयी थी ताकि घर जाकर अपने और अपने बेटे के लिए खाना बना सकूँ, क्योंकि उसके बाद तो हमें भूख से मरना ही है।”