15 वे निगरानी करनेवाले उन आदमियों से कभी हिसाब-किताब नहीं माँगते थे जिन्हें कारीगरों की मज़दूरी चुकाने के लिए पैसा दिया जाता था क्योंकि वे भरोसेमंद आदमी थे।+
12 उन आदमियों ने मरम्मत का काम पूरी सच्चाई से किया।+ उनके काम की देखरेख करने के लिए इन लेवियों को ठहराया गया: मरारियों+ में से यहत और ओबद्याह और कहातियों+ में से जकरयाह और मशुल्लाम। और उन सभी लेवियों को, जो कुशल संगीतकार थे,+