27 इतना कुछ होने के बाद भी अगर तुम मेरी बात नहीं मानोगे और मेरे खिलाफ काम करने की ज़िद पर अड़े रहोगे, 28 तो मैं तुम्हारा और भी कड़ा विरोध करूँगा।+ और मुझे तुम्हारे पापों के लिए तुम्हें सात बार सज़ा देनी पड़ेगी।
15 लेकिन अगर तुम अपने परमेश्वर यहोवा की सभी आज्ञाओं और विधियों को सख्ती से नहीं मानोगे जो आज मैं तुम्हें सुना रहा हूँ और इस तरह उसकी बात नहीं सुनोगे, तो ये सारे शाप तुम पर आ पड़ेंगे:+
27 यहोवा ने कहा, “मैं यहूदा को अपनी नज़रों से दूर कर दूँगा,+ ठीक जैसे मैंने इसराएल को दूर कर दिया।+ मैं यरूशलेम शहर को ठुकरा दूँगा जिसे मैंने चुना था और उस भवन को भी ठुकरा दूँगा जिसके बारे में मैंने कहा था, ‘मेरा नाम उससे हमेशा जुड़ा रहेगा।’”+