9 एक बार उस औरत ने अपने पति से कहा, “परमेश्वर का यह खास सेवक अकसर यहाँ से गुज़रता है। 10 क्यों न हम अपने घर की छत पर उसके लिए एक छोटा-सा कमरा+ बनाएँ? हम उसके लिए एक पलंग, मेज़, कुर्सी और दीवट रख सकते हैं ताकि वह जब भी हमारे घर आए तो उस कमरे में रह सके।”+