वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • 1 इतिहास 25:1
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
    • 25 इसके अलावा, दाविद और मंदिर में सेवा करनेवाले समूहों के प्रधानों ने मिलकर आसाप, हेमान और यदूतून के कुछ बेटों+ को अलग किया ताकि वे सुरमंडल, तारोंवाले बाजों+ और झाँझ की धुन पर+ भविष्यवाणी करें। इस सेवा के लिए चुने गए आदमियों की सूची यह थी:

  • 2 इतिहास 5:12
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
    • 12 तो आसाप,+ हेमान,+ यदूतून+ और उनके बेटों और भाइयों के दलों के सभी लेवी गायक+ बेहतरीन कपड़े पहने झाँझ, तारोंवाले बाजे और सुरमंडल बजाते हुए वेदी के पूरब में खड़े थे। उनके साथ 120 याजक तुरहियाँ फूँकते हुए खड़े थे।+

  • भजन 50:उपरिलेख-23
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
    • आसाप+ का सुरीला गीत।

      50 सब ईश्‍वरों से महान परमेश्‍वर यहोवा+ ने कहा है,

      पूरब से पश्‍चिम तक*

      पूरी धरती को आने का आदेश दिया है।

       2 परमेश्‍वर सिय्योन से, जिसकी खूबसूरती बेमिसाल* है,+ अपना तेज चमकाता है।

       3 हमारा परमेश्‍वर ज़रूर आएगा और वह चुप न रहेगा।+

      उसके सामने भस्म करनेवाली आग है,+

      उसके चारों तरफ ज़ोरदार आँधी चलती है।+

       4 उसने आकाश और धरती को आने का आदेश दिया है+

      ताकि जब वह अपने लोगों का न्याय करे+ तो वे गवाह ठहरें:

       5 “मेरे वफादार लोगों को मेरे पास इकट्ठा करो,

      जिन्होंने बलिदान की बिनाह पर मेरे साथ एक करार किया है।”+

       6 आकाश, परमेश्‍वर की नेकी का ऐलान करता है,

      क्योंकि परमेश्‍वर खुद न्यायी है।+ (सेला )

       7 “हे मेरी प्रजा, मैं जो कहने जा रहा हूँ उसे सुन,

      हे इसराएल, मैं तेरे खिलाफ गवाही दूँगा।+

      मैं परमेश्‍वर हूँ, तेरा परमेश्‍वर।+

       8 मैं तेरे बलिदानों की वजह से तुझे नहीं फटकारता,

      न ही तेरी होम-बलियों की वजह से, जो तू मेरे सामने नियमित तौर पर चढ़ाता है।+

       9 मुझे न तो तेरे घर का बैल चाहिए,

      न तेरे बाड़े के बकरे।+

      10 क्योंकि जंगल का हर जानवर मेरा है,

      हज़ारों पहाड़ों पर रहनेवाले पशु भी मेरे हैं।+

      11 मैं पहाड़ों के हर पंछी के बारे में जानता हूँ,+

      मैदान के अनगिनत जीव-जंतु मेरे हैं।

      12 अगर मैं भूखा होता, तो भी तुझसे नहीं कहता,

      क्योंकि उपजाऊ ज़मीन और उसकी हर चीज़ मेरी है।+

      13 मैं क्या बैलों का गोश्‍त खाऊँगा?

      बकरों का खून पीऊँगा?+

      14 परमेश्‍वर को धन्यवाद दे, यह तेरा बलिदान होगा+

      और परम-प्रधान से मानी मन्‍नतें पूरी कर।+

      15 मुसीबत की घड़ी में मुझे पुकार,+

      मैं तुझे छुड़ाऊँगा और तू मेरी महिमा करेगा।”+

      16 मगर परमेश्‍वर दुष्ट से कहेगा,

      “तुझे मेरे नियमों के बारे में बताने

      या मेरे करार+ के बारे में बात करने का क्या हक है?+

      17 तू तो शिक्षा* से नफरत करता है,

      बार-बार मेरी सलाह ठुकरा देता है।+

      18 जब तू किसी चोर को देखता है तो उसे सही ठहराता है,*+

      तू बदचलन लोगों से मेल-जोल रखता है।

      19 तू अपने मुँह से बुरी बातें फैलाता है,

      तेरी जीभ हमेशा छल की बातें कहती है।+

      20 तू बैठकर अपने ही भाई के खिलाफ बोलता है,+

      अपने सगे भाई की खामियाँ दूसरों को बताता है।*

      21 जब तूने ये काम किए तो मैं चुप रहा

      और तूने सोच लिया कि मैं भी तेरे जैसा हूँ।

      मगर अब मैं तुझे सुधारने के लिए फटकारूँगा,

      तुझ पर मुकदमा करूँगा।+

      22 परमेश्‍वर को भूलनेवालो, ज़रा इस बात पर गौर करो,+

      वरना मैं तुम्हारी बोटी-बोटी कर दूँगा और तुम्हें बचानेवाला कोई न होगा।

      23 जब कोई मुझे धन्यवाद देता है, जो कि उसका बलिदान है, तो वह मेरी महिमा करता है।+

      जो मज़बूत इरादे से सही राह पर चलता रहता है,

      उसका मैं उद्धार करूँगा।”+

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें