17 यहोयादा की मौत के बाद, यहूदा के हाकिम राजा के पास आए और उसे झुककर प्रणाम किया और राजा ने उनकी बात मानी। 18 लोगों ने अपने पुरखों के परमेश्वर यहोवा का भवन छोड़ दिया और वे पूजा-लाठों और मूरतों की सेवा करने लगे। उनके इस पाप की वजह से परमेश्वर का क्रोध यहूदा और यरूशलेम पर भड़क उठा।