3 जब लोग कहते होंगे, “शांति और सुरक्षा है!” तब उसी वक्त अचानक उन पर विनाश आ पड़ेगा,+ जैसे एक गर्भवती औरत को अचानक प्रसव-पीड़ा उठने लगती है और वे किसी भी हाल में नहीं बच पाएँगे।
3 इसलिए तूने जो-जो पाया और सुना है उस पर हमेशा ध्यान दे* और उस पर चलता रह और पश्चाताप कर।+ अगर तू जागेगा नहीं तो मैं अचानक चोर की तरह आऊँगा+ और तुझे खबर भी नहीं होगी कि मैं किस घड़ी आऊँगा।+