25 तूने हर गली के मोड़ पर ऊँची जगह बनायीं। तूने खुद को आने-जानेवाले हर किसी के हाथ सौंप दिया और इस तरह तू जो कभी खूबसूरत हुआ करती थी, अब तूने खुद को घिनौना बना लिया है।+ तूने बढ़-चढ़कर वेश्या के काम किए हैं।+
33 सब वेश्याएँ तो अपने पास आनेवाले आदमियों से रकम लेती हैं,+ मगर तू है कि खुद उन आदमियों को रकम देती है जो अपनी हवस पूरी करने तेरे पास आते हैं।+ तू खुद पैसा देकर आदमियों को लुभाती है ताकि हर कोने से आदमी तेरे पास खिंचे चले आएँ और तेरे साथ नीच काम करें।+
18 जब वह शर्म-हया की सारी हदें पार करके वेश्या के काम करने लगी और अपने तन की नुमाइश करने लगी,+ तो मुझे उससे घिन होने लगी और मैंने उससे मुँह फेर लिया, जैसे मैंने उसकी बहन से भी मुँह फेर लिया था।+