32 सेनाओं का परमेश्वर यहोवा कहता है,
‘देखो! एक-एक करके सब राष्ट्रों पर विपत्ति आएगी,+
धरती के बिलकुल कोने से अचानक एक भयंकर तूफान उठेगा।+
33 उस दिन यहोवा के हाथों मारे गए लोग धरती के एक कोने से दूसरे कोने तक पड़े रहेंगे। उनके लिए कोई मातम नहीं मनाएगा। उनकी लाशें न इकट्ठी की जाएँगी, न ही दफनायी जाएँगी। वे खाद की तरह ज़मीन पर पड़ी रहेंगी।’