2 प्रधान दरवाज़े के बरामदे से होकर आएगा+ और दरवाज़े के खंभे के पास खड़ा होगा। याजक उसकी दी हुई पूरी होम-बलि और शांति-बलियाँ अर्पित करेंगे और प्रधान दरवाज़े की दहलीज़ पर झुककर दंडवत करेगा और फिर बाहर चला जाएगा। मगर इस दरवाज़े को शाम से पहले बंद नहीं करना चाहिए।