28 वे सब ढीठ हैं, उनके जैसे लोग कहीं नहीं मिलेंगे,+
वे बदनाम करते फिरते हैं।+
वे ताँबे और लोहे जैसे हैं,
सब-के-सब भ्रष्ट हैं।
29 धौंकनियाँ जल गयीं,
मगर आग से सिर्फ सीसा निकला।
उन्हें शुद्ध करने की ज़बरदस्त कोशिश की गयी, मगर कोई फायदा नहीं हुआ,+
जो बुरे हैं उन्हें अलग नहीं किया गया।+
30 लोग उन्हें खोटी चाँदी कहेंगे,
क्योंकि यहोवा ने उन्हें खोटा पाया है।”+