7 अरे कपटियो, यशायाह ने तुम्हारे बारे में बिलकुल सही भविष्यवाणी की थी, जब उसने कहा,+8 ‘ये लोग होंठों से तो मेरा आदर करते हैं, मगर इनका दिल मुझसे कोसों दूर रहता है।
11 फरीसी खड़ा होकर मन-ही-मन प्रार्थना करने लगा, ‘हे परमेश्वर, मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ कि मैं दूसरों की तरह नहीं हूँ जो लुटेरे, बेईमान और व्यभिचारी हैं, न ही इस कर-वसूलनेवाले जैसा हूँ।+