47 वह बोल ही रहा था कि तभी यहूदा आ गया, जो उन बारहों में से एक था। उसके साथ तलवारें और लाठियाँ लिए हुए लोगों की एक बड़ी भीड़ थी जिसे प्रधान याजकों और लोगों के मुखियाओं ने भेजा था।+
18 मैं तुम सबके बारे में बात नहीं कर रहा। जिन्हें मैंने चुना है उन्हें मैं जानता हूँ, मगर शास्त्र की इस बात का पूरा होना ज़रूरी है,+ ‘जो मेरी रोटी खाया करता था वही मेरे खिलाफ हो गया है।’*+