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मरकुस 4:26-30पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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26 फिर उसने कहा, “परमेश्वर का राज ऐसा है जैसे कोई आदमी खेत में बीज छितराता है। 27 वह आदमी हर रात सोता है और सुबह जागता है। इस दौरान बीज में अंकुर फूटते हैं और अपने आप बढ़ते हैं लेकिन कैसे, यह वह नहीं जानता। 28 ज़मीन अपने आप धीरे-धीरे फल देती है, पहले अंकुर निकलता है, फिर डंठल और आखिर में तैयार दाने की बालें। 29 फिर जैसे ही फसल पक जाती है, वह हँसिया चलाता है क्योंकि कटाई का वक्त आ गया है।”
30 फिर उसने कहा, “हम परमेश्वर के राज को किसके जैसा बताएँ या क्या मिसाल देकर इसे समझाएँ?
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