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  • मरकुस 9:17-29
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
    • 17 भीड़ में से एक ने कहा, “गुरु, मैं अपने बेटे को तेरे पास लाया था क्योंकि उसमें एक गूँगा दुष्ट स्वर्गदूत समाया है।+ 18 और जब कभी वह मेरे बेटे को पकड़ता है, तो उसे ज़मीन पर पटक देता है और मेरे बेटे के मुँह से झाग निकलने लगता है, वह दाँत पीसता है और बिलकुल बेजान हो जाता है। मैंने तेरे चेलों से इस दुष्ट दूत को निकालने के लिए कहा, मगर वे नहीं निकाल सके।” 19 यह सुनकर यीशु ने उनसे कहा, “हे अविश्‍वासी लोगो,*+ मैं और कब तक तुम्हारे साथ रहूँ? कब तक तुम्हारी सहूँ? लड़के को मेरे पास लाओ।”+ 20 वे उसे यीशु के पास ले आए। मगर जैसे ही उस दुष्ट स्वर्गदूत ने यीशु को देखा, उसने बच्चे को मरोड़ा+ और वह बच्चा ज़मीन पर गिर पड़ा और लोटने और झाग उगलने लगा। 21 तब यीशु ने लड़के के पिता से पूछा, “इसकी यह हालत कब से है?” उसने कहा, “बचपन से। 22 इसकी जान लेने के लिए इस दुष्ट दूत ने कई बार इसे आग में झोंका है, तो कई बार पानी में गिराया है। लेकिन अगर तू कुछ कर सके, तो हम पर तरस खा और हमारी मदद कर।” 23 यीशु ने उससे कहा, “तू यह क्यों कह रहा है, ‘अगर तू कुछ कर सके’? जिसमें विश्‍वास है, उसके लिए सबकुछ मुमकिन है।”+ 24 उसी वक्‍त उस बच्चे के पिता ने ऊँची आवाज़ में कहा, “मुझमें विश्‍वास है, लेकिन अगर मेरे विश्‍वास में कोई कमी है, तो मेरी मदद कर!”+

      25 तभी यीशु ने देखा कि लोगों की एक भीड़ उनकी तरफ दौड़ी चली आ रही है, इसलिए उसने दुष्ट स्वर्गदूत को फटकारा और कहा, “हे गूँगे और बहरे दूत, मैं तुझे हुक्म देता हूँ, इसमें से बाहर निकल आ और आइंदा कभी इसमें मत जाना!”+ 26 तब वह दुष्ट दूत ज़ोर से चिल्लाया और लड़के को बहुत मरोड़ने के बाद उसमें से निकल गया। वह बच्चा मुरदा-सा हो गया और ज़्यादातर लोग कहने लगे, “यह तो मर गया है!” 27 लेकिन यीशु ने उसका हाथ पकड़कर उसे उठाया और वह खड़ा हो गया। 28 इसके बाद यीशु एक घर में गया और वहाँ उसके चेलों ने अकेले में उससे पूछा, “हम उस दुष्ट स्वर्गदूत को क्यों नहीं निकाल पाए?”+ 29 उसने कहा, “इस किस्म का दूत सिर्फ प्रार्थना से निकाला जा सकता है।”

  • लूका 9:38-42
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
    • 38 तभी अचानक भीड़ में से एक आदमी ने ज़ोर से पुकारा, “गुरु, मैं तुझसे बिनती करता हूँ एक नज़र मेरे बेटे को देख ले, वह मेरा एक ही बेटा है।+ 39 उसे एक दुष्ट स्वर्गदूत जकड़ लेता है और अचानक वह चीखने लगता है। वह दूत उसे ऐसे मरोड़ता है कि वह झाग उगलने लगता है और उसे घायल करने के बाद बड़ी मुश्‍किल से छोड़ता है।+ 40 मैंने तेरे चेलों से उसे निकालने की बिनती की मगर वे नहीं निकाल सके।” 41 तब यीशु ने कहा, “अरे अविश्‍वासी और टेढ़े लोगो,*+ मैं और कब तक तुम्हारे साथ रहूँ? कब तक तुम्हारी सहूँ? अपने बेटे को यहाँ ला।”+ 42 जब लड़का आ रहा था, तो दुष्ट स्वर्गदूत ने उसे ज़मीन पर पटक दिया और बुरी तरह मरोड़ा। लेकिन यीशु ने उस दुष्ट स्वर्गदूत को फटकारा और लड़के को ठीक कर दिया और उसके पिता को सौंप दिया।

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