6 मगर मसीह तो परमेश्वर का बेटा है और वह उसके घराने के अधिकारी के नाते विश्वासयोग्य रहा।+ और परमेश्वर का घराना हम हैं,+ बशर्ते अंत तक हम बेझिझक बोलने की हिम्मत न खोएँ और उस आशा को मज़बूती से थामे रहें जिस पर हम गर्व करते हैं।
10 अगर किसी को कैद किया जाना है तो उसे कैद किया जाएगा। जो किसी को तलवार से मार डालेगा,* उसे तलवार से मार डाला जाए।+ ऐसे में पवित्र लोगों+ का धीरज धरना+ और विश्वास रखना ज़रूरी है।+