6 वाकई उसी ने हमें ज़रूरत के हिसाब से योग्य बनाया है कि हम किसी लिखित कानून+ के नहीं, बल्कि एक नए करार के+ और पवित्र शक्ति के सेवक बनें। क्योंकि लिखित कानून तो मौत की सज़ा सुनाता है+ मगर पवित्र शक्ति जीवन देती है।+
8 क्योंकि परमेश्वर लोगों को यह कहकर दोषी ठहराता है, “यहोवा* कहता है, ‘देख! वे दिन आ रहे हैं जब मैं इसराएल के घराने और यहूदा के घराने के साथ एक नया करार करूँगा।