16 फिर वह नासरत गया+ जहाँ उसकी परवरिश हुई थी। और अपने दस्तूर के मुताबिक वह सब्त के दिन वहाँ के सभा-घर में गया+ और पढ़ने के लिए खड़ा हुआ। 17 भविष्यवक्ता यशायाह का खर्रा उसके हाथ में दिया गया और उसने खर्रा खोला और वह जगह ढूँढ़कर निकाली जहाँ यह लिखा था,