66 जब पतरस नीचे आँगन में था, तो महायाजक की एक दासी आयी।+ 67 पतरस को आग तापते देख, वह उस पर नज़रें गड़ाकर बोली, “तू भी उस नासरी यीशु के साथ था।” 68 मगर उसने यह कहकर इनकार कर दिया, “न तो मैं उसे जानता हूँ न मुझे यह समझ आ रहा है कि तू क्या कह रही है।” तब वह बाहर फाटक के पास चला गया।