25 परमेश्वर ने मसीह को बलिदान के तौर पर दे दिया+ ताकि मसीह के खून पर विश्वास करने से+ पापों का प्रायश्चित* हो। ऐसा उसने खुद को नेक साबित करने के लिए किया क्योंकि बीते ज़माने में उसने लोगों के पापों को बरदाश्त किया और उन्हें माफ करता रहा।
14 तो फिर मसीह का खून,+ जिसने सदा तक कायम रहनेवाली पवित्र शक्ति के ज़रिए खुद को एक निर्दोष बलिदान के तौर पर परमेश्वर के सामने अर्पित किया, हमारे ज़मीर को बेकार के कामों* से और कितना ज़्यादा शुद्ध कर सकता है+ ताकि हम जीवित परमेश्वर की पवित्र सेवा कर सकें!+
22 तो आओ हम सच्चे दिल से और पूरे विश्वास से परमेश्वर के पास जाएँ। क्योंकि हमारे दिलों पर छिड़काव करके हमारे दुष्ट ज़मीर को शुद्ध किया गया है+ और हमारे शरीर को शुद्ध पानी से नहलाया गया है।+
5 तुम्हें यीशु मसीह की तरफ से भी महा-कृपा और शांति मिले जो “विश्वासयोग्य साक्षी,”+ “मरे हुओं में से ज़िंदा होनेवालों में पहलौठा”+ और “धरती के राजाओं का राजा” है।+
यीशु जो हमसे प्यार करता है+ और जिसने अपने खून के ज़रिए हमें पापों से छुड़ाया+