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  • 2 कुरिंथियों 6
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)

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2 कुरिंथियों का सारांश

      • परमेश्‍वर की कृपा का गलत इस्तेमाल मत करो (1, 2)

      • पौलुस की सेवा का ब्यौरा (3-13)

      • बेमेल जुए में न जुतो (14-18)

2 कुरिंथियों 6:1

संबंधित आयतें

  • +2कुर 5:20
  • +रोम 2:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2016, पेज 28-32

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2010, पेज 14

    12/15/1998, पेज 18-19

2 कुरिंथियों 6:2

संबंधित आयतें

  • +यश 49:8

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2010, पेज 12-14

    12/15/1998, पेज 18-20

    यशायाह की भविष्यवाणी-II, पेज 143-146

2 कुरिंथियों 6:3

संबंधित आयतें

  • +1कुर 9:22

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 40

2 कुरिंथियों 6:4

संबंधित आयतें

  • +2कुर 4:1, 2
  • +2कुर 11:23

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 40

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    9/2016, पेज 18-19

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2000, पेज 20

    4/15/2000, पेज 19-21

    12/15/1998, पेज 19

2 कुरिंथियों 6:5

संबंधित आयतें

  • +प्रक 2:10
  • +2कुर 11:25, 27

2 कुरिंथियों 6:6

संबंधित आयतें

  • +कुल 3:13; 1थि 5:14
  • +इफ 4:32
  • +रोम 12:9

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/1998, पेज 19

2 कुरिंथियों 6:7

फुटनोट

  • *

    शायद मारने के लिए।

  • *

    शायद खुद को बचाने के लिए।

संबंधित आयतें

  • +1कुर 2:4, 5
  • +2कुर 10:4; इफ 6:11

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/1998, पेज 19

    11/1/1990, पेज 31

2 कुरिंथियों 6:8

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    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/1998, पेज 20

2 कुरिंथियों 6:9

फुटनोट

  • *

    या “हमें मरने के लायक समझा गया।”

संबंधित आयतें

  • +2कुर 4:10, 11
  • +प्रेष 14:19; 2कुर 4:8, 9

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/1998, पेज 20

2 कुरिंथियों 6:10

संबंधित आयतें

  • +फिल 4:13; प्रक 2:9

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/1998, पेज 20

2 कुरिंथियों 6:11

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 56

2 कुरिंथियों 6:12

संबंधित आयतें

  • +2कुर 12:15

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 56

2 कुरिंथियों 6:13

संबंधित आयतें

  • +1पत 2:17; 1यूह 4:20

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 56

    सजग होइए!,

    अंक 3 2020 पेज 10

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2009, पेज 20-21

    10/1/2004, पेज 16-17

    12/1/1995, पेज 16

    12/1/1989, पेज 16-17

    राज-सेवा,

    5/2004, पेज 4

    8/1994, पेज 1

    एकमात्र सच्चा परमेश्‍वर, पेज 149-150

2 कुरिंथियों 6:14

फुटनोट

  • *

    या “जुड़ो।”

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 23:32, 33; व्य 7:3, 4; 1रा 11:4; 1कुर 7:39
  • +याकू 4:4
  • +इफ 5:7, 8

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 42

    प्यार के लायक, पेज 134-135

    परमेश्‍वर का प्यार, पेज 129-131

    प्रहरीदुर्ग,

    10/1/2010, पेज 13

    5/1/2007, पेज 20

    7/1/2004, पेज 30-31

    10/15/2003, पेज 32

    11/15/1995, पेज 31

    6/1/1990, पेज 12-16

    सजग होइए!,

    2/8/1998, पेज 20

2 कुरिंथियों 6:15

फुटनोट

  • *

    शा., “बलियाल।” यह एक इब्रानी शब्द से निकला है जिसका मतलब है “निकम्मा।”

  • *

    या “विश्‍वासयोग्य इंसान।”

संबंधित आयतें

  • +मत 4:10; प्रक 12:7, 8
  • +1कुर 10:21

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    6/1/1990, पेज 12-16

2 कुरिंथियों 6:16

संबंधित आयतें

  • +1कुर 10:14
  • +1कुर 3:16
  • +निर्ग 29:45
  • +लैव 26:11, 12; यहे 37:27

2 कुरिंथियों 6:17

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +यश 52:11; यिर्म 51:45; प्रक 18:4
  • +यहे 20:41; 2कुर 7:1

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  • खोजबीन गाइड

    प्यार के लायक, पेज 111

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2006, पेज 27-31

2 कुरिंथियों 6:18

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +2शम 7:14
  • +यश 43:6; हो 1:10; यूह 1:12

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  • खोजबीन गाइड

    प्यार के लायक, पेज 111

दूसरें अनुवाद

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दूसरी

2 कुरिं. 6:12कुर 5:20
2 कुरिं. 6:1रोम 2:4
2 कुरिं. 6:2यश 49:8
2 कुरिं. 6:31कुर 9:22
2 कुरिं. 6:42कुर 4:1, 2
2 कुरिं. 6:42कुर 11:23
2 कुरिं. 6:5प्रक 2:10
2 कुरिं. 6:52कुर 11:25, 27
2 कुरिं. 6:6कुल 3:13; 1थि 5:14
2 कुरिं. 6:6इफ 4:32
2 कुरिं. 6:6रोम 12:9
2 कुरिं. 6:71कुर 2:4, 5
2 कुरिं. 6:72कुर 10:4; इफ 6:11
2 कुरिं. 6:92कुर 4:10, 11
2 कुरिं. 6:9प्रेष 14:19; 2कुर 4:8, 9
2 कुरिं. 6:10फिल 4:13; प्रक 2:9
2 कुरिं. 6:122कुर 12:15
2 कुरिं. 6:131पत 2:17; 1यूह 4:20
2 कुरिं. 6:14निर्ग 23:32, 33; व्य 7:3, 4; 1रा 11:4; 1कुर 7:39
2 कुरिं. 6:14याकू 4:4
2 कुरिं. 6:14इफ 5:7, 8
2 कुरिं. 6:15मत 4:10; प्रक 12:7, 8
2 कुरिं. 6:151कुर 10:21
2 कुरिं. 6:161कुर 10:14
2 कुरिं. 6:161कुर 3:16
2 कुरिं. 6:16निर्ग 29:45
2 कुरिं. 6:16लैव 26:11, 12; यहे 37:27
2 कुरिं. 6:17यश 52:11; यिर्म 51:45; प्रक 18:4
2 कुरिं. 6:17यहे 20:41; 2कुर 7:1
2 कुरिं. 6:182शम 7:14
2 कुरिं. 6:18यश 43:6; हो 1:10; यूह 1:12
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
2 कुरिंथियों 6:1-18

कुरिंथियों के नाम दूसरी चिट्ठी

6 परमेश्‍वर के साथ काम करते हुए+ हम तुमसे यह भी गुज़ारिश करते हैं कि परमेश्‍वर की महा-कृपा स्वीकार करने के बाद उस कृपा का मकसद मत भूलो।+ 2 इसलिए कि वह कहता है, “मंज़ूरी पाने के वक्‍त मैंने तेरी सुनी और उद्धार के दिन तेरी मदद की।”+ देखो! अभी खास तौर पर मंज़ूरी पाने का वक्‍त है। देखो! अभी उद्धार का वह दिन है।

3 हम किसी भी तरह से ठोकर खाने की कोई वजह नहीं देते ताकि हमारी सेवा में कोई दोष न पाया जाए।+ 4 हर तरह से हम परमेश्‍वर के सेवक होने का सबूत देते हैं,+ धीरज से कई परीक्षाएँ सहकर, दुख-तकलीफें, तंगी और मुश्‍किलें झेलकर,+ 5 मार खाकर, कैद में रहकर,+ दंगों का सामना करके, कड़ी मेहनत करके, जागते हुए रातें काटकर, भूखे पेट रहकर,+ 6 शुद्धता, ज्ञान, सब्र,+ कृपा+ और पवित्र शक्‍ति से, बिना कपट प्यार करके,+ 7 सच्ची बातें बोलकर, परमेश्‍वर की ताकत से,+ दाएँ* और बाएँ* हाथ में नेकी के हथियार लेकर,+ 8 इज़्ज़त पाने और बेइज़्ज़त होने के समय, हमारे बारे में बुरी खबर फैलने और अच्छी खबर फैलने के समय। हमें धोखा देनेवाले समझा जाता है मगर हम सच्चे हैं, 9 हम अनजानों जैसे हैं फिर भी मशहूर हैं, मरने पर हैं* फिर भी देखो! हम ज़िंदा हैं,+ हम ऐसे हैं मानो हमें सज़ा दी गयी है मगर मौत के हवाले नहीं किया गया,+ 10 दुख मनानेवालों जैसे हैं मगर हमेशा खुश रहते हैं, गरीबों जैसे हैं फिर भी बहुतों को अमीर बनाते हैं, मानो कंगाल हैं फिर भी हमारे पास सबकुछ है।+

11 कुरिंथियो, हमने खुलकर तुमसे बात की है, हमने तुम्हारे लिए अपने दिलों को बड़ा किया है। 12 हमने दिल खोलकर तुमसे प्यार किया है+ मगर तुम प्यार करने में तंगदिल हो। 13 इसलिए अपने बच्चे जानकर मैं तुमसे कहता हूँ कि तुम भी अपने दिलों को बड़ा करो।+

14 अविश्‍वासियों के साथ बेमेल जुए में न जुतो।*+ क्योंकि नेकी के साथ दुष्टता की क्या दोस्ती?+ या रौशनी के साथ अँधेरे की क्या साझेदारी?+ 15 और मसीह और शैतान* के बीच क्या तालमेल?+ या एक विश्‍वासी* और एक अविश्‍वासी के बीच क्या समानता?+ 16 और परमेश्‍वर के मंदिर का मूरतों+ के साथ क्या समझौता? इसलिए कि हम जीवित परमेश्‍वर का एक मंदिर हैं,+ ठीक जैसा परमेश्‍वर ने कहा है, “मैं उनके बीच निवास करूँगा+ और उनके बीच चलूँगा-फिरूँगा और मैं उनका परमेश्‍वर बना रहूँगा और वे मेरे लोग बने रहेंगे।”+ 17 “यहोवा* कहता है, ‘इसलिए उनमें से बाहर निकल आओ और खुद को उनसे अलग करो और अशुद्ध चीज़ को छूना बंद करो,+ तब मैं तुम्हें अपने पास ले लूँगा।’”+ 18 “सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर यहोवा* कहता है, ‘और मैं तुम्हारा पिता बनूँगा+ और तुम मेरे बेटे-बेटियाँ बनोगे।’”+

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