मत्ती
अध्ययन नोट—अध्याय 18
सच: मत 5:18 का अध्ययन नोट देखें।
चक्की का वह पाट . . . जिसे गधा घुमाता है: या “बड़ी चक्की का पाट।” शा., “गधे का चक्की का पाट।” चक्की के इस पाट का व्यास शायद 4-5 फुट (1.2-1.5 मी.) होता था। यह इतना भारी होता था कि इसे घुमाने का काम गधे से करवाया जाता था।
विश्वास की राह में बाधाएँ: या “ठोकर के पत्थर।” माना जाता है कि शुरू में इनके यूनानी शब्द स्कानडेलॉन का मतलब था, एक फंदा। कुछ लोगों का मानना है कि इस फंदे में एक छड़ी लगी होती थी जिसमें चारा लगाया जाता था। इसलिए यह शब्द ऐसी बाधा के लिए इस्तेमाल होने लगा जिससे कोई ठोकर खाकर गिर सकता था। लाक्षणिक तौर पर इसका मतलब है, ऐसा कोई काम या हालात जिसमें फँसकर एक इंसान गलत रास्ता अपना सकता है, या नैतिक तौर पर ठोकर खा सकता है, या पाप कर सकता है। इसी शब्द से जुड़ी यूनानी क्रिया स्कानडेलाइज़ो का अनुवाद मत 18:8, 9 में “पाप करवाता है” (फु. में “ठोकर खिलाता है”) किया गया है। इस क्रिया का अनुवाद यह भी किया जा सकता है, “फंदा बन जाता है।”
उसे काटकर: यीशु यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार इस्तेमाल कर रहा था। वह कह रहा था कि एक व्यक्ति को हाथ, पैर या आँख जैसी कोई भी अनमोल चीज़ त्यागने के लिए तैयार रहना चाहिए, बजाय इसके कि वह उसकी वजह से पाप कर बैठे और परमेश्वर से विश्वासघात करे। (मत 18:9) बेशक यीशु अपने शरीर को नुकसान पहुँचाने का बढ़ावा नहीं दे रहा था, न ही कह रहा था कि इंसान किसी तरह अपने अंगों का गुलाम है। उसके कहने का मतलब था कि इंसान को अपने किसी अंग के ज़रिए पाप करने के बजाय उसे मार डालना चाहिए या ऐसा समझना चाहिए मानो वह शरीर से कट गया हो। (कुल 3:5 से तुलना करें।) उसे हमेशा की ज़िंदगी पाने के लिए किसी भी चीज़ को आड़े नहीं आने देना चाहिए।
गेहन्ना: मत 5:22 का अध्ययन नोट और शब्दावली देखें।
इनके स्वर्गदूत: इब्रानी शास्त्र और मसीही यूनानी शास्त्र दोनों में परमेश्वर के लोगों को यकीन दिलाया गया है कि यहोवा के स्वर्गदूतों की फौज उनकी हिफाज़त करने के लिए हरदम तैयार है। (2रा 6:15-17; भज 34:7; 91:11; प्रेष 5:19; इब्र 1:14) मूल भाषाओं में जिन शब्दों का अनुवाद स्वर्गदूत किया गया है, उनका बुनियादी मतलब है “दूत।” (यूह 1:51 का अध्ययन नोट देखें।) जब यीशु ने इन छोटों (यानी उसके शिष्य) और “इनके स्वर्गदूत” के बारे में कहा, तो उसके कहने का यह मतलब नहीं था कि हरेक मसीही की हिफाज़त के लिए एक स्वर्गदूत ठहराया गया है। लेकिन स्वर्गदूत हरेक मसीही में गहरी दिलचस्पी लेते हैं और मसीहियों की एक समूह के तौर पर हमेशा मदद करते हैं ताकि परमेश्वर के साथ उनका रिश्ता बना रहे।—प्रेष 12:15 का अध्ययन नोट देखें।
मेरे पिता के सामने मौजूद रहते हैं: शा., “मेरे पिता का मुँह देखते हैं।” स्वर्गदूत परमेश्वर के सामने मौजूद रहते हैं, इसलिए सिर्फ वे ही उसका मुँह देख सकते हैं।—निर्ग 33:20.
कुछ हस्तलिपियों में यहाँ लिखा है: “क्योंकि इंसान का बेटा खोए हुओं को बचाने आया है।” लेकिन ये शब्द सबसे पुरानी और भरोसेमंद हस्तलिपियों में नहीं पाए जाते। इनसे मिलते-जुलते शब्द लूक 19:10 में दर्ज़ हैं जो परमेश्वर की प्रेरणा से लिखे शास्त्र का हिस्सा हैं। कुछ लोगों का मानना है कि शुरू के किसी नकल-नवीस ने लूका के ये शब्द इस आयत में लिख दिए।—अति. क3 देखें।
मेरा: कुछ प्राचीन हस्तलिपियों में “तुम्हारा” लिखा है।
तेरा भाई: मत 5:23 का अध्ययन नोट देखें।
मंडली: मूसा के कानून के मुताबिक, न्यायी और अधिकारी इसराएल की मंडली की तरफ से न्यायिक मामले निपटाते थे। (व्य 16:18) यीशु के दिनों में गुनहगारों को इलाके की अदालतों में लाया जाता था, जिनमें यहूदियों के मुखिया न्यायी होते थे। (मत 5:22) आगे चलकर हर मसीही मंडली में ज़िम्मेदारी सँभालने के लिए भाइयों को पवित्र शक्ति से नियुक्त किया जाने लगा और वे न्यायिक मामले निपटाने लगे। (प्रेष 20:28; 1कुर 5:1-5, 12, 13)—शब्द “मंडली” के मतलब के लिए मत 16:18 का अध्ययन नोट और शब्दावली देखें।
गैर-यहूदी या कर-वसूलनेवाले जैसा ठहरे: यानी ऐसे लोग जिनसे यहूदी बिना वजह कोई संबंध नहीं रखते थे।—प्रेष 10:28 से तुलना करें।
जो कुछ तुम धरती पर बाँधोगे . . . खोलोगे: ज़ाहिर है कि इस संदर्भ में ‘बाँधने’ का मतलब है, “दोषी मानना; दोषी ठहराना” और ‘खोलने’ का मतलब है, “दोष से मुक्त करना; निर्दोष ठहराना।” यहाँ “तुम” बहुवचन में है जो दिखाता है कि ऐसे फैसले करने में पतरस ही नहीं बल्कि दूसरे भी शामिल थे।—मत 16:19 के अध्ययन नोट से तुलना करें।
पहले ही स्वर्ग में बँधा होगा . . . पहले ही स्वर्ग में खुला होगा: यहाँ ‘बाँधने’ और ‘खोलने’ की यूनानी क्रियाएँ जिस तरह लिखी हैं, उस तरह आम तौर पर नहीं लिखी जाती है। इससे पता चलता है कि चेले जो भी फैसले करते (“जो कुछ तुम धरती पर बाँधोगे”; “जो कुछ तुम धरती पर खोलोगे”) वे उन फैसलों के मुताबिक होते जो स्वर्ग में पहले ही लिए जा चुके होते। साथ ही, चेलों के फैसले स्वर्ग में बनाए गए सिद्धांतों के मुताबिक होते। इस आयत का यह मतलब नहीं कि धरती पर लिए जानेवाले फैसलों को स्वर्ग से मंज़ूरी दी जाती या पुख्ता किया जाता। इसके बजाय इसका मतलब है कि चेलों को स्वर्ग से मार्गदर्शन मिलता और यह ज़रूरी भी था, क्योंकि तभी धरती पर लिए जानेवाले फैसले स्वर्ग के फैसलों से मेल खाते।—मत 16:19 के अध्ययन नोट से तुलना करें।
77 बार: शा., “सात बार के सत्तर गुने तक।” इनके यूनानी शब्दों का मतलब या तो “70 और 7” (77 बार) हो सकता है, या “70 गुना 7” (490 बार)। यही यूनानी शब्द सेप्टुआजेंट में उत 4:24 में आए हैं और वहाँ भी इनके इब्रानी शब्द का अनुवाद “77 गुना” किया गया है। इससे पता चलता है कि यहाँ “77 बार” कहना सही है। इन शब्दों को जैसे भी समझा जाए, दो बार 7 के आने का मतलब है “सदा” या “असीमित।” जब यीशु ने पतरस से कहा कि वह 7 बार नहीं बल्कि 77 बार माफ करे, तो वह अपने चेलों को सिखा रहा था कि वे माफ करने के मामले में कोई हद न ठहराएँ। लेकिन बैबिलोनी तलमूद (योमा 86ख) में कहा गया है, “अगर कोई पहली बार, दूसरी बार या तीसरी बार गलती करे तो उसे माफ कर दिया जाए, लेकिन चौथी बार माफ न किया जाए।”
छ: करोड़ दीनार: या “चाँदी के 10,000 तोड़े।” एक तोड़ा एक आम मज़दूर की करीब 20 साल की मज़दूरी होती थी। इसका मतलब इतना बड़ा कर्ज़ चुकाने के लिए एक आदमी को हज़ारों साल कड़ी मज़दूरी करनी पड़ती। इससे साफ पता चलता है कि यीशु अतिशयोक्ति अलंकार का इस्तेमाल करके समझा रहा था कि इतना बड़ा कर्ज़ चुकाना नामुमकिन है।—मत 18:28 का अध्ययन नोट; शब्दावली में “तोड़ा” और अति. ख14 देखें।
उसके सामने गिरकर: या “उसे दंडवत करके; उसका सम्मान करके।” जब यूनानी क्रिया प्रोस्किनीयो किसी देवता या ईश्वर की पूजा के संबंध में इस्तेमाल हुई है तो उसका अनुवाद “उपासना” किया गया है। लेकिन यहाँ यह क्रिया दिखाती है कि एक दास अपने अधिकारी का आदर कर रहा है और उसके अधीन है।—मत 2:2; 8:2 के अध्ययन नोट देखें।
उसका सारा कर्ज़ माफ कर दिया: कर्ज़ का लाक्षणिक मतलब पाप भी हो सकता है।—मत 6:12 का अध्ययन नोट देखें।
100 दीनार: छ: करोड़ दीनार (10,000 तोड़े) के सामने 100 दीनार बहुत कम हैं, फिर भी यह कीमत मायने रखती है। यह दरअसल एक मज़दूर की 100 दिन की मज़दूरी होती थी।—अति. ख14 देखें।
तेरा सारा कर्ज़ माफ कर दिया था: मत 6:12 का अध्ययन नोट देखें।
जेलरों: यूनानी शब्द बासानिसटेस का बुनियादी मतलब है, “ज़ालिम।” यहाँ यह शब्द शायद इसलिए इस्तेमाल किया गया क्योंकि जेलर अकसर कैदियों को बुरी तरह तड़पाते थे। मगर बाद में यह शब्द सभी जेलरों के लिए इस्तेमाल होने लगा, फिर चाहे वे कैदियों पर ज़ुल्म करते या न करते, क्योंकि ज़ाहिर है कि कैदियों के लिए जेल जाना ही ज़ुल्म था।—मत 8:29 का अध्ययन नोट देखें।