मरकुस
अध्ययन नोट—अध्याय 4
किनारे से थोड़ी दूर: मत 13:2 का अध्ययन नोट देखें।
मिसालें: मत 13:3 का अध्ययन नोट देखें।
ज़मीन . . . मिट्टी के नीचे चट्टान: मत 13:5 का अध्ययन नोट देखें।
काँटों में: मत 13:7 का अध्ययन नोट देखें।
कान लगाकर सुनो कि मैं क्या कह रहा हूँ: बीज बोनेवाले की मिसाल देने से पहले यीशु ने कहा, “ध्यान से सुनो।” (मर 4:3) फिर मिसाल के आखिर में उसने इस आयत में लिखे शब्द कहे। इस तरह उसने इस बात पर ज़ोर दिया कि उसके चेलों के लिए उसकी सलाह सख्ती से मानना ज़रूरी है। इसी तरह का बढ़ावा आगे की आयतों में दिया गया है: मत 11:15; 13:9, 43; मर 4:23; लूक 8:8; 14:35; प्रक 2:7, 11, 17, 29; 3:6, 13, 22; 13:9.
ज़माने: मत 13:22 का अध्ययन नोट देखें।
दीपक: मत 5:15 का अध्ययन नोट देखें।
टोकरी: मत 5:15 का अध्ययन नोट देखें।
जिस नाप से तुम नापते हो: आयत 23 से 25 से पता चलता है कि अगर चेले यीशु की शिक्षाओं पर कम ध्यान देते या कम दिलचस्पी लेते तो उन्हें उन शिक्षाओं से ज़्यादा फायदा नहीं होता। लेकिन अगर वे पूरा-पूरा ध्यान देते तो वह उन्हें इतना सिखाता और समझ देता जितना कि उन्होंने सोचा भी नहीं होगा। इससे उनका ज्ञान बढ़ता और वे दूसरों को और भी अच्छी तरह समझा पाते। यीशु दिल खोलकर उन्हें उम्मीद से ज़्यादा देता।
परमेश्वर का राज ऐसा है जैसे कोई आदमी खेत में बीज छितराता है: खुशखबरी की किताबों के लेखकों में से सिर्फ मरकुस ने यह मिसाल आयत 26 से 29 में दर्ज़ की।
राई के दाने: मत 13:31 का अध्ययन नोट देखें।
बीजों में सबसे छोटा: मत 13:32 का अध्ययन नोट देखें।
समझ सकते थे: या “सुन सकते थे।” यूनानी में शब्द ‘सुनने’ का मतलब सिर्फ “ध्यान लगाकर सुनना” नहीं है बल्कि “समझना” भी है।—प्रेष 9:7; 22:9 के अध्ययन नोट से तुलना करें।
झील के उस पार: मत 8:18 का अध्ययन नोट देखें।
एक ज़ोरदार आँधी: इन शब्दों के लिए यूनानी में तीन शब्द हैं जिनका शाब्दिक अनुवाद इस तरह किया जा सकता है: “एक बड़ा भयानक तूफान।” (मत 8:24 का अध्ययन नोट देखें।) इस घटना के दौरान मरकुस मौजूद नहीं था, इसलिए उसने आँधी के बारे जिस तरह लिखा और इस ब्यौरे में दूसरी चीज़ों की जिस तरह बारीक जानकारी दी, उससे पता चलता है कि उसे यह जानकारी शायद पतरस से मिली होगी।—मरकुस की किताब में दी ज़्यादातर जानकारी का स्रोत पतरस है, इस बार में जानने के लिए “मरकुस की किताब पर एक नज़र” देखें।
तकिए: या “गद्दी।” मसीही यूनानी शास्त्र में सिर्फ इसी आयत में यह शब्द आता है। यूनानी में इस शब्द के साथ निश्चित उपपद इस्तेमाल हुआ है जो दिखाता है कि यह तकिया शायद नाव का हिस्सा था। हो सकता है यह बालू से भरी एक बोरी हो जो नाव के पिछले हिस्से में रखी जाती थी ताकि उसके वज़न से नाव स्थिर रहे, या चमड़े की बनी गद्दी हो जिस पर पतवार चलानेवाला बैठता था, या फिर ऊन का गट्ठर या गद्दी हो जिस पर चप्पू चलानेवाला बैठता था।