लोमड़ियों की माँदें और पंछियों के घोंसले
यीशु ने अपने हालात की तुलना जानवरों से करते हुए कहा कि लोमड़ियों की माँदें और पंछियों के बसेरे होते हैं, लेकिन उसका अपना कोई घर नहीं है। यहाँ जिस प्रजाति की लोमड़ी (वल्पीज़ वल्पीज़ ) दिखायी गयी है वह न सिर्फ मध्य पूर्वी देशों में बल्कि अफ्रीका, एशिया, यूरोप और उत्तर अमरीका में भी पायी जाती है। इस प्रजाति को ऑस्ट्रेलिया भी लाया गया है। लोमड़ियाँ आम तौर पर ज़मीन खोदकर अपनी माँद बनाती हैं। लेकिन कभी-कभी वे चट्टान की दरारों में या दूसरे जानवरों के खाली बिलों में रहती हैं या कई बार वे ज़बरदस्ती उनमें रहने लगती हैं। पंछियों की बात लें, तो अनुमान लगाया गया है कि इसराएल में साल के अलग-अलग मौसम में 470 किस्म के पंछी पाए जाते हैं। उनमें से एक है, चेट्टी वॉर्ब्लर (चेटिया चेट्टी )। पंछियों के घोंसले भी अलग-अलग किस्म के होते हैं। वे पेड़ों पर, पेड़ के कोटर में या चट्टान पर अपना घोंसला बनाते हैं। वे अपना घोंसला टहनियों, पत्तियों, समुद्री पौधों, ऊन, अनाज के डंठलों, काई और पंखों वगैरह से बनाते हैं। इसराएल में कहीं पहाड़ों की चोटियाँ हैं जहाँ कड़ाके की ठंड पड़ती है, तो कहीं गहरी घाटियाँ हैं जो काफी गरम होती हैं और कहीं सूखा रेगिस्तान है, तो कहीं समुद्र-तट के मैदान। यह सब भूमध्य सागर के दक्षिण-पूर्व में पाया जाता है। ये सारी चीज़ें पंछियों को आकर्षित करती हैं जो या तो हमेशा के लिए यहाँ रहते हैं या फिर यहाँ के अलग-अलग इलाकों में प्रवास करते हैं।
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