गूलर का पेड़
इस पेड़ (फिकस साइकोमोरस ) का ज़िक्र मसीही यूनानी शास्त्र में सिर्फ एक बार मिलता है। यह ज़िक्र उस ब्यौरे में आया है जब यीशु ईसवी सन् 33 के वसंत में यरीहो से गुज़र रहा था। (लूक 19:1-10) यह पेड़ अंजीर और शहतूत की जाति का है, मगर यह उत्तर अमरीका के गूलर के पेड़ से अलग है। इसके फल अंजीर के फल की तरह दिखते हैं। यह पेड़ 33 से 50 फुट (10 से 15 मी.) की ऊँचाई तक बढ़ता है। यह एक मज़बूत पेड़ है जो सैकड़ों सालों तक खड़ा रहता है। गूलर का पेड़ यरदन घाटी में उगता था और इब्रानी शास्त्र के मुताबिक यहूदा के पहाड़ी इलाकों और मैदानों के बीच शफेलाह में बड़ी तादाद में पाया जाता था। (1रा 10:27; 2इत 1:15; 9:27) यह एक सदाबहार पेड़ है जिसकी हरी-भरी डालियों से घनी छाया मिलती है। इसलिए इसे अकसर सड़कों के किनारे लगाया जाता था। इस पेड़ का तना मोटा और छोटा होता है जिसकी निचली डालियाँ ज़मीन को छूती हैं। इस वजह से जक्कई जैसा ठिंगना आदमी इस पेड़ पर आसानी से चढ़ सकता था।
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